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नदियों में बाढ़ का पानी उतरने से राहत, हालात जस के तहत प्रशासनिक सहायता की बाट जोहते ग्रामीण

रामपुरा( जालौन) पांच नदियों के क्षेत्र विकासखंड रामपुरा में बहने वाली बाढ़ के पानी से उफनाई नदियों का पानी भले ही कम होना शुरू हुआ हो लेकिन बाढ़ प्रभावित गांव के हालात जस के तस है एवं ग्रामीण भविष्य में उत्पन्न होने वाली संभावित स्वास्थ्य समस्याओं से भयभीत भी है।

रामपुरा क्षेत्र में यमुना नदी की सहायक नदियां चंबल, सिंध ,क्वांरी, पहूज की बाढ़ ने जो तबाही मचाई उससे तटवर्ती गांव के लोगों को गत 30 वर्ष पुरानी वर्ष 1996 की बाढ़ वाली स्मृतियों ताजा हो गई है। रामपुरा क्षेत्र के 37 राजस्व गांव बुरी तरह बाढ़ की चपेट में होने के कारण संपूर्ण ग्रामीण अस्त-व्यस्त हो गया है। नदियों के तटवर्ती गांव के ग्रामीणों का अनेक परेशानियों जूझ रहा है। नदिया पार के ग्राम डिकौली जागीर, बिल्यौढ, कुसेपुरा,निनावली जागीर, नरौल की खोड़ ,मिर्जापुरा जागीर, भूरे का पुरा, मुल्ले का पुरा, जखेता, हुकुमपुरा एवं कर्रा मोहब्बतपुरा जायघा, महटौली अभी भी बाढ़ आपदा से जूझ रहे हैं।

*बाढ़ के बाद बीमारियों का खतरा*
ग्रामीणों को याद है कि वर्ष 1996 एवं वर्ष 2021 की बाढ़ के बाद नदियों के तटवर्ती गांवों में विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैलने लगी थी जिसे प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की मुस्तादी से नियंत्रण तो किया गया फिर भी अनेक लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा था । इसके अतिरिक्त पशुओं से संबंधित भी अनेक बीमारी फैली थी । इस संभावित स्वास्थ्य संकट के भय से ग्रामीण हलकान है।

*गलियों में भरा पानी, बच्चे बुजुर्ग घरों में कैद*
ग्राम मिर्जापुर जागीर में माध्यमिक विद्यालय एवं अस्पताल पूरी तरह पानी से जलमग्न है ।जयसिंह पाल गोपी दोहरे, तुलाराम, गांव का मंदिर, तेज सिंह पाल ,महेंद्र पाल के मकान के सामने पानी भरा होने के कारण यह लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं।
ग्रामीण श्री किशुन कुशवाहा ,कृष्णमुरारी ,सुरेंद्र, जगमोहन आदि ने बताया कि हमारे गांव के चारों ओर पानी भरा है और कुछ ग्राम वासियों के घरों में भी पानी प्रवेश कर गया है । पशुओं का चारा भींग गया है। गांव के सभी जानवरों को ऊंचाई पर एक जगह एकत्रित करके बांधा जा रहा है। शासन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई सहायता उपलब्ध नहीं हुई है और कोई भी सरकारी कर्मचारी इस गांव में हम लोगों की सुध लेने के लिए नहीं आया । गांव में कई लोगों का स्वास्थ्य खराब है लेकिन स्वास्थ्य विभाग का भी कोई व्यक्ति गांव में नहीं आया है।

*घर में घुसा मगरमच्छ*

ग्राम मुहब्बतपुरा में 8 – 10 घर छोड़कर बाकी पूरे गांव के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। गांव प्राथमिक विद्यालय पूरी तरह पानी में डूब गया है। गांव की बिजली बंद होने के कारण पूरे गांव में अंधेरे का साम्राज्य है । बीती रात एक बड़ा हादसा होते होते बचा है, रामकेश धोबी अपने घर के आंगन में लेटा था तभी उसे कुछ हलचल सुनाई दी गौर से देखने पर उसे एक बड़ा मगरमच्छ घर में प्रवेश करता दिखाई दिया उसे देखकर वह चीखते शोर मचाते हुए प्राण बचाकर भागा। एक अन्य घटना में बाढ़ के पानी में छप्पर गिरने से बलराम एवं रामकुमार की तीन बकरियां दबकर मर गई । ग्रामवासी शिवमंगल सिंह, दिनेश सिंह, गंभीर सिंह, योगेंद्र सिंह, दीपू सिंह आदि बताते हैं कि ग्रामीणों को भोजन की समस्या तो है लेकिन सबसे ज्यादा समस्या पशु चारे की है । पूरा गांव अंधेरे में डूबा है । रात में प्रकाश के लिए मोमबत्ती लेने को समीपबर्ती बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

*डिकोली जागीर में डूबे 60 घर*

नदिया पार के डिकौली जागीर, बिल्यौढ में लगभग 60-70 घर पानी से लबालब भरे हैं । ग्रामीण अपनी गृहस्थी को बचाने के लिए घर का तमाम सामान मकान की छत पर लेकर बैठे बाढ़ के पानी के कम होने का इंतजार कर रहे हैं। तमाम घरों में तो पानी छत के ऊपर निकल गया है। ग्रामवासी भारत सिंह राजपूत, रविंद्र राजपूत, अजब सिंह, टीकाराम दोहरे ,राजेंद्र दोहरे, शेरसिंह राजपूत, श्रीकांत राजपूत एवं ग्राम प्रधान जगपाल राजपूत के मकान बाढ़ के पानी से डूब गए हैं। इन लोगों ने बताया कि घरों का कुछ सामान तो लेकर मकान की छत पर चढ़ गए है लेकिन तमाम सामान पानी में डूब कर बर्बाद हो गया । बच्चे बाढ़ की विभीषिका को देखकर भयभीत है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी तक इस गांव में शासन की ओर से कोई सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई है।

*मूक पशुओं का संकट असहनीय*
ग्राम पंचायत जायघा चारों ओर पानी से घिरा है इसी गांव पंचायत का मजरा ग्राम कर्रा की गलियों में बाढ़ का पानी हिलोरें मार रहा है। ग्रामीण तो किसी तरह अपने खाने-पीने का बंदोबस्त कर लेते हैं लेकिन पशुओं को बैठने खड़े होने एवं खाने के लिए जगह नहीं है। अतः उन्हें पास में एक ऊंचाई वाले स्थान पर ले जाकर समूह में बांधा गया है । ग्रामीणों ने बताया कि लेखपाल आए थे ,राहत सामग्री की एक किट देकर गए थे और बताया था कि इस के समान से खाना बनाकर पूरे गांव में बंटवा देना। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी दवा का वितरण किया गया है।

*जगम्मनपुर से इटावा-औरैया मार्ग बंद*

जगम्मनपुर से पंचनद होकर इटावा, भिंड ,ग्वालियर ,दिल्ली के लिए जाने वाले मार्ग पर तीन जगह 5 से 8 फुट की ऊंचाई तक पानी भरा है ,इसी प्रकार जगम्मनपुर से जुहीखा भीखेपुर होकर औरैया जाने वाले मार्ग पर यमुना पुल के पास एवं औरैया की सीमा में जुहीखा गांव के आगे सड़क पर पानी भरा होने के कारण आवागमन बंद है।

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